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दिखावे की थाली-हिंदी कहानी | Emotional Story in Hindi

Hindi ki Emotional Kahani

Emotional Story in Hindi
Emotional Story in Hindi

Emotional Story in Hindi में पढ़ें रमा क्या करती है अपने ससुराल में ?

दोस्तों जब हम बात करते हैं प्यार की तो पहली पिक्चर जो दिमाग में आती है वो होती है माँ , किसी के लिए पत्नी, किसी के लिए प्रेमिका, किसी के लिए बहन, प्यार का दूसरा नाम है औरतI कैसा हो अगर एक औरत अपने प्यार में थोड़े से छल की मिलावट करके आपको परोसे जिसकी आपको भनक भी न लगे, पर अचानक एक दिन वो छल की गागर फूटे तो उसमें से छल के साथ साथ आपके आंसू बहना भी लाज़मी हैI

रमा एक बहुत अच्छे परिवार से belong करती है और हमेशा दूसरों के बारे में अच्छा सोचती हैIउसके जीवन की बस एक philosophy है और वो है उसका रिश्तों के प्रति सम्मान जिसको वो कभी ज़ाहिर नहीं करती पर बखूबी निभाती हैI

दोस्तों आज की इक्कीसवी सदी में ऐसा नहीं है कि हम ये समझने में असमर्थ हैं कि क्या अच्छा है और क्या बुरा या फिर यूं कहें कौन अच्छा है और कौन बुरा, बस देख कर भी कुछ बातें इगनोरे कर देते है और इसका सीधा असर पड़ता है रमा जैसे बन्दों पर जो पूरी श्रद्धा से हर रिश्ते को निभाते हैंI

रमा जब छोटी तो वह समझ ही नहीं पाती थी उसकी कुछ सहेलियां घर पर कुछ और होती थीं और बाहर कुछ और , उसे लगता था शायद ये इनके mood tantrums हैं जिनकी वजह से ये ऐसे behave करती हैI धीरे धीरे रमा बड़ी हो गयी बिना ये समझे कि उब जिस ज़िन्दगी में वो कदम रखने जा रही है उसे समझना होगा कि कौन उसके लिए सच्चा है और कौन दिखावेबाज़I

रमा की शादी राहुल से हो गयी सब कुछ बहुत अच्छे से चल रहा था और वह अपने हर रिश्ते को वही सम्मान देती थी जैसा वो बचपन में करती थी क्यूंकि उसकी दुनिया बदली थी पर वो नहींI शादी के कुछ दिन बाद उसने देखा कि उसकी सास थोड़ी देर पहले उसे किसी बात पर ताने कस  रही थी और थोड़ी ही देर में पड़ोस में रहने वाली शर्मा आंटी के आते ही उसके गुण गिनाने लगीI

रमा को कुछ समझ नहीं आया और इसने इस बात को इग्नोर  कर दिया, यहीं उससे भूल हुई समझने में क्यूंकि Ignorance is the key of pain, जो उसे बाद में होने वाला थाI

एक दिन रमा ने kitchen में दूध उबलने रखा और भूल गयी, दूध गिर गया और उसी समय उसके ससुर जी ऑफिस से आ गए तो पहले उसकी सास ने उसको खूब खरी खोटी सुनाई और उसके ससुर जी के आते ही बोली बेटे हटो मैं साफ़ कर देती हूँ , रमा को समझ ही नहीं आया कि वो इतना loud क्यूँ बोल रहीं हैं पर जैसे ही उसने पीछे मुड़ कर देखा उसे समझ आ गया था कि ये सब ड्रामा उसके ससुर जी को दिखाने के लिए थाI

अब रमा छोटी छोटी बात नोट करने लगी थी और वो साफ़ देख पा रही थी कि चीज़ें जैसी दिखती हैं वैसी नहीं होती बल्कि जैसे दिखाई जाती हैं वैसी होती हैंI

रमा अपने पति और उनके भाई के साथ Bangalore में रहती थी जहाँ उसके सास ससुर अक्सर आया जाया करते थेI

जब भी वे लोग आते रमा उनकी खूब सेवा करती और आराम कराती पर यह सब न देखती हुए उसकी सास मौका देखती रहती कि किस तरह रमा को उसके पति और अपने पति के सामने नीचा दिखाया जाएI रमा के सास ससुर जब घर वापिस जाने की बात कर रहे थे तो उनके दोनों बेटे उन्हें कुछ दिन और रोकने के लिए कह रहे थे पर ससुर जी नौकरी का हवाला देकर उन्हें कह रहे थे कि मेरा समय पर लौटना ज़रूरी हैI

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रमा को लगा कि शायद उनका लौटना ज़रूरी है जो दोनों बेटों के बार बार कहने पर भी वह रुकने को तैयार नहीं थे, इसलिए उसने उनसे कुछ नहीं कहा और उसकी सास को एक और मौका मिल गया कहने का कि रमा तो चाहती है हम लौट जाएँ इसलिए उसने कुछ नहीं कहा पर इस बार शब्द उसके ससुर जी की तरफ से थेI

उसके सास ससुर जब भी आते वह एक अजीब सी चीज़ नोट करती I जैसे ही राहुल सुबह उठता उसकी सास शुरू हो जाती रमा बेटा ला मैं तेरी kitchen में कुछ मदद कर दूं, कब तक बैठी रहूंगी bore हो जाती हूँ, तू भी तो ऑफिस जाती है थक जाती हैI जैसे ही राहुल 9 बजे घर से बाहर काम पर निकलता रमा की सास टीवी लगाती और पूरा दिन उसी में व्यस्त रहतीI

शाम होते ही राहुल के आने के time वो फिर एक्टिव हो जाती और kitchen के कामों रमा का हाथ बंटाने लगतीI रमा जब भी ऑफिस से लौटती थी देखती थी कि घर का वही काम सिमटा होता था जिस पर राहुल की नज़र पड़ सके या जिसका बखान राहुल को किया जा सकेI इन सब बातों ने रमा को अन्दर से तोड़ दिया और वह सोचने लगी कि क्या एक बच्चे से बेहतर माँ को कोई जानता है?

क्या राहुल को समझ नहीं आता कि रमा 8 घंटे की जॉब करती है और उसकी सास 30-35 मिनट की जॉब करती हैI अब उसको समझ आ चूका था कि जो दिखावे की थाली सबको परोसी जा रही थी उसी में सबको स्वाद आ रहा था और उसकी प्यार से परोसी हुई थाली का खाना सबको बेस्वाद नज़र आता थाI

रमा बहुत रोयी और उसने ये फैसले लिया कि वह इस दिखावे की थाली को अब और सहन नहीं करेगी और उस दिन एक रमा ने पुरानी रमा को सबक सिखाया कि दुनिया को वही पसंद है जो उनको दिखता है और उसी दिन से रमा ने खुद दिखावे की थाली परोसने का फैसला ले लिया I

दोस्तों कैसी लगी आपको Emotional Story in Hindi

बच्चों से कैसे जुड़ें सुनें https://www.youtube.com/watch?v=bDl3BFhWsLE

Written by Geetanjli Dua