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सही और गलत-Hindi kahani | Heart Touching family Story in Hindi

Heart Touching Family Story in hindi

Heart touching family story in hindi
Heart touching family story in hindi

Heart touching family Story in Hindi में आप पढ़ेंगे कि किस तरह साहिल के एक सुझाव ने बानी की ज़िन्दगी बदल दी।

बानी क्या हो गया है तुम्हें? तुम क्यूँ इतना गुस्सा करती हो और टेंशन लेती हो? तबियत खराब कर बैठोगी अपनी तुम |

बानी पहले बहुत खुश रहती थी लेकिन चुप रहती थी जो उसने बचपन से सीखा था, चुप रहना लेकिन अब ना जाने कुछ दिनों से उसे क्या हो गया, हर बात पर नाराज़ रहने लगी है| बच्चे कुछ भी गलत करते हैं तो गुस्सा हो जाती है| साहिल को ये बात बहुत परेशान कर रही थी कि जो बानी पहले बच्चे के हर पल को संजो कर कैमरे में रख लेती थी आज वही बानी बच्चों के आस पास होने पर चिढ़ी क्यूँ रहती है? क्या बच्चे पहले से ज्यादा परेशान करने लगे हैं या बानी का स्वभाव ही बदल गया है|

उसे अब बच्चों के किसी पल को कैद नहीं करना था, ना ही कैमरे में और ना ही आँखों में! साहिल को ये बात बहुत परेशान कर रही थी और वो इसके पीछे का कारण जानना चाहता था| एक दिन साहिल ने ऑफिस से कॉल किया और बोला कि आज हमें एक पार्टी में जाना है तो रेडी हो जाना| बच्चों को भी रेडी कर दूं ना? बानी ने पूछा, नहीं बस कपल्स को जाना है तो बच्चों को रहने देना- साहिल ने जवाब दिया |

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बानी ने साहिल की बात मान ली और बच्चों को अपनी सहेली के घर छोड़ दिया और शाम को दोनों चले गए। साहिल ने एक बहुत अच्छे रेस्टोरेंट में बुकिंग कर रखी थी दोनों के लिए, बानी हैरान थी ये सब देखकर ! साहिल ने पूछा कि बानी आखिर क्या बात है जो तुम इतना परेशान रहती हो ? ना तुम बच्चों के साथ एन्जॉय करती हो, ना सजती संवारती हो ,आखिर क्या बात है ?बस फिर क्या था, बानी बच्चों की तरह रोने लगी। साहिल के बार बार पूछने पर उसने बताया कि किस तरह जब भी वो अपनी सास से बात करती है तो वो उसको नीचा दिखाने की कोशिश करती रहती हैं।

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उस ने कहा कि अगर मैं तुम्हें इस बारे में कुछ कहूं तो तुम मेरी बात कभी सुनते नहीं, अपनी बात अपने घरवालों से कहूं तो वो नहीं सुनते। तुम ही बताओ अगर ऐसे में मैं इस तरह रियेक्ट कर रही हूँ तो मैं सही हूँ या गलत ? अब भी मैं तुम्हारे कहने पर बच्चों को माजी के पास ना छोड़कर रिया के पास छोड़ कर आयी हूँ। साहिल चुपचाप उसे सुन रहा था और उसकी बात ख़त्म होने का इंतज़ार कर रहा था।जब बानी की बात ख़त्म हुई तो साहिल बोला- हो गया अब तुम्हारा मन हल्का या कुछ और भी है इस छोटे से दिल में ? बानी का हाथ अपने हाथ में लेकर साहिल बोला, देखो बानी कभी कभी बात सही या गलत की नहीं होती हालात की होती है।

देखो बानी तुम बहुत सुलझी हुई लड़की हो और मैं चाहता हूँ कि इन हालातों का सामना तुम अपने दम पर करो। तुम्हें जहाँ कहीं भी मेरी ज़रुरत होगी मैं तुम्हारे साथ खड़ा रहूँगा पर अपने हालात तुम्हें खुद बदलने होंगे। दोनों ने खाना खाया और खुश खुश वहां से घर चले गए। अगले दिन साहिल की नानी ने आना था तो बानी ने ऑफिस से आने के बाद उनके लिए चाय बनायी और रात के खाने की तैयारी करने लगी। नानी का रवैय्या देख कर बानी समझ चुकी थी कि मांजी पहले ही उन्हें कुछ समझा चुकी हैं आखिर वो उनकी माँ हैं। बानी ने डिनर बनाया और अपने कमरे में बच्चों को पढ़ाने चली गयी।

अगले दिन रूपा( कामवाली ) का फ़ोन आया कि तबियत खराब होने की वजह से वो नहीं आएगी। साहिल की एक मीटिंग थी ऑनलाइन तो वो जल्दी उठ गया था पर बानी अभी सो रही थी क्यूंकि रात को छोटू को बुखार था।साहिल की मीटिंग में टाइम था तो उसने झाड़ू लगाना शुरू कर दिया और रसोई में सबके लिए चाय चढ़ा दी। झाड़ू लगाने के बाद साहिल ने आलू उबलने के लिए रख दिए। नानी और मांजी सब देखकर इशारों इशारों में बातें कर रहीं थीं।आखिर नानी से रहा नहीं गया तो उन्होंने बोल ही दिया, क्या बात है आज तू बहु बन गया क्या ?वो अभी तक सो रही है, उसे शोभा नहीं देता। साहिल चाय की 3 प्याली ले कर आया और बोला नानी तुम्हारी अब उम्र हो चुकी है तो तुम ज़रा पूजा पाठ में ध्यान लगाओ।

नानी जब बानी इस घर की ज़िम्मेदारियों में मेरा हाथ बनता रही है तो मैं भी उसकी ज़िम्मेदारियों में हाथ बनता सकता हूँ ना ? और बच्चे हम दोनों की ज़िम्मेदारी हैं, अकेले बानी की नहीं , कल छोटू को बुखार था और मेरी मीटिंग थी सुबह तो मैं सो गया था पर बानी सुबह तक जागती रही। माँ तो घर में रह कर भी घर की ज़िम्मेदारियों से भागती हैं, देखा है मैंने , जानता हूँ इनकी उम्र नहीं है काम करने की पर अगर सिर्फ अपने शब्दों पर ही काबू कर लें तो बहुत होगा। नानी अगर मैं एक इंसान होने के नाते बानी की ज़िम्मेदारियाँ सांझा कर रहा हूँ तो मैं सही हूँ या गलत ?

अब नानी को समझ आ गया था और उन्होंने मांजी को समझाया कि सही ही तो कह रहा है ये अगर ये दोनों अपनी ज़िम्मेदारियाँ मिल कर निभा रहे हैं तो तुझे क्या परेशानी है ? मांजी उठीं और साहिल के कमरे में गयीं तो देखा बानी छोटू के सर पर पट्टियां रख रही थी। मांजी ने कहा बहु आज रूपा नहीं आएगा तो तू और साहिल जैसे हो मिल जल कर काम कर लो मैं और माँ छोटू का ध्यान रखेंगे।बानी ने निश्चिंतता से सर हिलाया और रसोई की तरफ बढ़ गयी वहीं साहिल को मुस्कुराता देख वो समझ गयी कि ये जादू साहिल ने ही किया है।

कैसी लगी आपको Heart touching family Story in Hindi

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Written by Geetanjli Dua